Monday 27 April 2015

The RSS is all set to help in relief and rescue operations in earthquake-hit Nepal with its senior leaders reaching the Himalayan nation to chalk out coordination plans.



The RSS is all set to help in relief and rescue operations in earthquake-hit Nepal with its senior leaders reaching the Himalayan nation to chalk out coordination plans.
The RSS on Sunday said its workers would join rescue efforts once a proper plan is chalked out in consultation with the Government of Nepal.
Sangh joint general secretary Dattatreya Hosabale reached Nepal tonight to coordinate rescue plan with the RSS' Nepal counterpart Hindu Swayamsevak Sangh.
"RSS joint general secretary has reached Nepal. He will assess the scale of damage and the relief and rescue demand following which more of RSS Swayamsevaks will reach Nepal," Manmohan Vaidya, RSS communication department head, told PTI.
Swayamsevaks from India "are ready to join hands with HSS Nepal after a proper plan is chalked out" in coordination with the government of Nepal, RSS said.
"RSS shares the grief and shock about the devastating earthquake with the people and expresses deep condolences and prayer for the deceased," said Vaidya. More than 2,400 people were killed and over 6,000 injured in the powerful earthquake that hit Nepal on Saturday.

Monday 20 April 2015

क्या आप जानते है की अमेरिका ने नीम को भी पेटेंट कराने की कोशिश की थी...जबकि नीम नाम का पेड़ सिर्फ भारत में ही पाया जाता था।



क्या आप जानते है की अमेरिका ने नीम को भी पेटेंट कराने की कोशिश की थी...जबकि नीम नाम का पेड़ सिर्फ भारत में ही पाया जाता था। नीम बरगद पीपल गूलर इत्यादि पेड़ भारत में ही पाये जाते थे जिनमे पीपल को सभी पेड़ो का राजा कहते है क्योंकि वातावरण से सबसे
ज्यादा प्रदुषण पीपल ही अवशोषित करता है...
नीम को लेकर अंतराष्ट्रीय अदालत नीडरलैण्ड हैंग में भारत और अमेरिका के बीच केस भी चला था जिसमे अमेरिकी सरकार ने ये दलील दी थी की नीम की खोज अमेरिका के वैज्ञानिको ने की है.....
जबकि भारत की तरफ से ये दलील दी गयी थी की नीम हज़ारो लाखो सालो से भारत में पाया जाता रहा है और इसका वर्णन आयुर्वेद में भी है और भारत के लोग इसकी दातून किया करते थे
और आज भी करते है...
इस तरह की कई तरह की दलीलो के बाद
अंतर्राष्ट्रीय अदालत में नीम को लेकर भारत के पक्ष में फैसला सुनाया.... अब इन फिरंगीयो की गन्दी नज़र "गौ मूत्र" के ऊपर है...
अमेरिका गौ मूत्र को खुद के नाम से पंजीकृत कराने की चाल चल रहा है...जबकि गौ मूत्र की खोज भारत के ऋषि मुनियो ने की थी...उन्होंने ही गौ मूत्र की पवित्रता का पता लगाया था...
इसके पहले भी भारत की कई खोजे इन फिरंगियो ने छीन ली और खुद के नाम से पेटेंट करवा लिया...
देश की दुर्दषा देखिये अपनी वनस्पति, मसालो और अविषकारो के लिय यहाँ तक अपने देवी देवताओ के लिय भी भारत को लड़ना पड़ रहा है
और पढ़ी लिखी (अनपढ़) PIZZA,Burger वाली नई generation is unaware of this facts !"

Sunday 19 April 2015

साध्वी प्राची बोलीं, रामपुर को पाकिस्तान बनाना चाहते हैं आजम खां



साध्वी प्राची बोलीं, रामपुर को पाकिस्तान बनाना चाहते हैं आजम खां

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विश्व हिन्दू परिषद की नेता साध्वी प्राची ने कहा कि कैबिनेट मंत्री आजम खां रामपुर को पाकिस्तान बनाना चाहते हैं लेकिन यदि एक भी धर्म परिवर्तन हुआ तो रामपुर में ही आकर ईट से ईट बजा देंगे.
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आपको बता दें कि मंगलवार शाम को करीब 7 बजे साध्वी प्राची रामपुर पहुंची. इस दौरान गांधी समाधि पर बड़ी तादात में पुलिस फोर्स तैनात थी. साध्वी की गाड़ी आते ही पुलिस और PAC के जवानों ने आगे बढ़ कर गाड़ी को रोक लिया.
साध्वी ने कहा कि रामपुर में गुंडागर्दी की जा रही है. फिर वह गाड़ी से उतरीं और जमीन पर बैठ गई. प्राची 1 घंटे तक पुलिस प्रशासन पर हावी रहीं. सैकड़ों की तादाद में मौजूद पुलिस फोर्स भी कुछ नहीं कर सकी.
फिर बाद में प्राची ने वाल्मीकि बस्ती जाने को कहा तो पुलिस ने उनसे वहीं से जाने का अनुरोध किया, जिसके बाद साध्वी गांधी समाधि से निकल गई. वहीं बीजेपी की पंचायत में भाग लेने अमरोहा पहुंचे केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री संजीव बालियान ने कहा कि रामपुर में जो भी हो रहा है अच्छा नहीं हो रहा है. किसी भी हाल में वहां वाल्मीकि समाज का धर्म परिवर्तन नहीं होने दिया जाएगा.
गौरतलब है कि इन लोगों के घर रामपुर के तोपखाना इलाके में बन रहे एक शॉपिंग मॉल तक आने वाली सड़क चौड़ी करने के लिए ढहाए जाने हैं. बताया जाता है कि यह विशालकाय शॉपिंग मॉल आजम खान का है. नगर निगम अधिकारियों ने कुछ दिनों पहले वाल्मीकि बस्ती के कुछ लोगों के घरों को गिराने के लिए उन पर लाल निशान लगा दिए थे

कुछ और जानकारी प्रज्ञा दीदी की । अधूरी हसरतों का दूसरा नाम है प्रज्ञा।



कुछ और जानकारी प्रज्ञा दीदी की ।

अधूरी हसरतों का दूसरा नाम है प्रज्ञा।
उसकी जिंदगी के हर पन्ने में एक कहानी
छुपी हुई है। मध्यप्रदेश के भिंड जिले के
लहार कस्बे के गल्ला मंडी रोड पर
आयुर्वेदिक क्लिनिक चलाने वाले वैद्य
पिता चंद्रपाल सिंह और मां सरला देवी
की बेटी है प्रज्ञा। उनका जन्म तो
मध्यप्रदेश के दतिया जिले में हुआ पर
लालन-पालन लहार में। चार बेटियों और
एक बेटे में दूसरे नंबर की प्रज्ञा में बचपन से
ही लड़कों जैसी चपलता थी। जूड़ो- कराटे
में महारत हासिल करके वह बिगडै़ल लड़कों
की पिटाई तक कर दिया करती थी।
लड़कियों की बजाय उसे लड़कों जैसे कपड़े-
जींस और कमीज पहनना पसंद था। कॉलेज के
दिनों से ही वह मोटर साइकिल पर घूमने
की शौकीन थी। पल्सर और बुलैट जैसी
भारी गाडियां भी प्रज्ञा आसानी से
चला लेती थी। पढ़ाई में औसत विद्यार्थी
थी। लहार से इंटरमीडिएट परीक्षा पास
की और भिंड कॉलेज से इतिहास में स्नातक
भी किया।सिलसिला चलता रहाकॉलेज के
दिनों में वह अखिल भारतीय विद्यार्थी
परिषद से जुड़ गई। नब्बे के दशक के आखिर
तक वह विद्यार्थी परिषद में रही।
वाक्पटुता और हाजिरजवाबी के चलते
काफी मशहूर हुई और भोपाल, देवास,
जबलपुर, इंदौर में अपने भाषणों से छा गई।
ऐसा माना जाता है कि 1998 के
विधानसभा चुनाव से पहले भिंड जिले की
मेहगांव सीट से चुनाव लड़ने की भी उसने
कोशिशें कीं। गुजरात चुनाव के दौरान भी
उसे चुनावी सभाओं में देखा गया। सन्
2002 में उसने 'जय वंदेमातरम' और
'राष्ट्रीय जागरण मंच' बनाया। । सन् 2004 में उसके पिता लहार
छोड़कर सूरत में बस गए। बन गई संन्यासिन
जनवरी 2007 में जूना अखाड़ा के
पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंद के समक्ष
संन्यास लेकर साध्वी पूर्ण चेतनानंद गिरि
बन गई और प्रवचन करने लगी। सूरत को
अपनी कार्यस्थली के रूप में स्थापित करने
के बाद वहां अपना आश्रम बना लिया।
उनके परिजन अभी सूरत में ही रह रहे हैं।
उसके पिता चंद्रपाल सिंह का कहना है,
'मुझे 99 फीसदी विश्वास है कि प्रज्ञा
का मालेगांव बम मुझे विस्फोट में कोई हाथ
नहीं है। पर एक फीसदी अविश्वास
इसलिए है क्योंकि साध्वी बनने के बाद वह
पिछले दो साल से घर नहीं लौटी। अब वह
मुझे पिताजी नहीं डॉक्टर साहब कहकर
पुकारती है। सबकी तरह मैं भी चाहता हूं
कि सच्चाई जल्द से जल्द सबके सामने आए।'

जब 21 भारतीय सैनिकों ने 10,000 घुसपैठियों को रौंद डाला



जब 21 भारतीय सैनिकों ने 10,000
घुसपैठियों को रौंद डाला
बहुत कम लोग विश्वास करेंगे कि सिर्फ 21
आदमियों की छोटी सी टुकड़ी दस हजार से
अधिक की फौज को रोक सकती है। लेकिन
इतिहास में ऎसा अक्सर होता है, चाहे वो दो
हजार वर्ष पूर्व स्पार्टा में लियोनायडस की
अगुवाई में 300 आदमियों ने किया हो या 1897
में 21 सिख सैनिकों ने। जी हां, 12 सितम्बर
1897 को अफगानिस्तान के तिराह में एक अद्भुत
लड़ाई लड़ी गई थी। इस युद्ध में ब्रिटिश सेना
की एक छोटी सी टुकड़ी जिसमें सिर्फ 21
भारतीय सैनिक थे, ने दस हजार से अधिक अफगान
सेना को खैबर पख्तूनख्वा में सरगढ़ी की चौकी
पर रोक कर अपनी बहादुरी की मिसाल कायम
की थी।...
इतिहासकारों के अनुसार अंग्रेज भारत में शासन
कायम करने के बाद आसपास के अन्य एशियाई
देशों पर अपना वर्चस्व जमाने की कोशिश कर रहे
थे। इसी कोशिश में उन्हो ंने तत्कालीन गुलाम
भारत और अफगानिस्तान की सीमा पर अपनी
कई सैनिक चौकियां स्थापित की। इन
चौकियों पर छोटी-छोटी सैनिक टुकडियां
भी रखी जाती थी जो कि सी भी आपात
स्थिति को संभालने के लिए तत्पर रहती थी।
ऎसी ही एक चौकी पर 12 सितम्बर 1897 को 21
सिख सैनिकों की एक छोटी सी टुकड़ी
हवलदार इसर सिंह के नेतृत्व में सीमा की
रखवाली कर रही थी। तभी सुबह के लगभग 9 बजे
दस हजार से अधिक की संख्या वाली अफगान
फौज ने चौकी पर हमला कर दिया। इस आक्र
मणकारी फौज में अफगान सैनिकों से साथ साथ
पख्तून तथा आफरीदी जनजातियां भी
शामिल थी। हमले का संकेत मिलते ही सरकार
गुरूमुख सिंह ने तुरंत पास ही स्थित ब्रिटिश
फौज को सहायता का संदेश भेजा जिस पर
उन्होंने तत्काल सहायता उपलब्ध कराने में
असमर्थता जताते हुए चौकी पर स्थित सैनिकों
को हमलावरों को आखिरी दम तक रोकने का
आदेश दिया।...
इतिहासकारों के अनुसार अंग्रेज भारत में शासन
कायम करने के बाद आसपास के अन्य एशियाई
देशों पर अपना वर्चस्व जमाने की कोशिश कर रहे
थे। इसी कोशिश में उन्हो ंने तत्कालीन गुलाम
भारत और अफगानिस्तान की सीमा पर अपनी
कई सैनिक चौकियां स्थापित की। इन
चौकियों पर छोटी-छोटी सैनिक टुकडियां
भी रखी जाती थी जो कि सी भी आपात
स्थिति को संभालने के लिए तत्पर रहती थी।
ऎसी ही एक चौकी पर 12 सितम्बर 1897 को 21
सिख सैनिकों की एक छोटी सी टुकड़ी
हवलदार इसर सिंह के नेतृत्व में सीमा की
रखवाली कर रही थी। तभी सुबह के लगभग 9 बजे
दस हजार से अधिक की संख्या वाली अफगान
फौज ने चौकी पर हमला कर दिया। इस आक्र
मणकारी फौज में अफगान सैनिकों से साथ साथ
पख्तून तथा आफरीदी जनजातियां भी
शामिल थी। हमले का संकेत मिलते ही सरकार
गुरूमुख सिंह ने तुरंत पास ही स्थित ब्रिटिश
फौज को सहायता का संदेश भेजा जिस पर
उन्होंने तत्काल सहायता उपलब्ध कराने में
असमर्थता जताते हुए चौकी पर स्थित सैनिकों
को हमलावरों को आखिरी दम तक रोकने का
आदेश दिया।...
इस पर चौकी पर मौजूद सभी सैनिकों ने ठान
लिया कि जब तक हममें से एक भी सिपाही
जिंदा है चौकी पर अफगान सेना का कब्जा
नहीं होने देंगे। शुरूआत में अफगान सेना ने उन
सैनिकों को आत्मसमर्पण करने और सुरक्षित जाने
देने के लिए कहा, जिसे उन्होंने स्पष्ट मना कर
दिया। इसके तुरंत बाद युद्ध शुरू हो गया। जल्दी
ही चौकी को अफगानियों ने ढहा दिया
जिसके बाद सीधा आमने-सामने का युद्ध शुरू हो
गया। सिख सैनिकों ने बोले सो निहाल, सत
श्री अकाल कहते हुए लड़ना शुरू कर दिया। कुछ
ही घंटों में सभी भारतीय सैनिक मारे गए।
लेकिन तब तक ब्रिटिश फौज पास ही स्थित
दूसरी चौकी पर पहुंच चुकी थी जिससे अफगान
सेना अन्य चौकियों पर कब्जा नहीं क र सकी
और उसे वापिस भागना पड़ा।...
13 सितम्बर को जब ब्रिटिश सेना सरगढ़ी
पहुंची तो उसे वहां 21 भारतीय सिपाहियों के
साथ 600 से भी अधिक अफगानी सैनिकों के मृत
शरीर पड़े थे। बाद में जांच में पता चला कि इन
600 सिपाहियों के अलावा कई हजार अफगान
सैनिक भी बुरी तरह घायल हो गए थे जिसके चलते
अफगान सेना को वापिस लौटना पड़ा। इन
सभी सैनिकों को मरणोपरांत ब्रिटिश शासन
द्वारा इंडियन ऑर्डर ऑफ मेरिट सम्मान दिया
गया जो वर्तमान के परमवीर चक्र से समकक्ष है।
इन सैनिकों की याद में आज भी भारतीय सेना
की सिख रेजीमेंट सरगढ़ी डे मनाती है।
Source : m.archive.patrika.com/…/battle-of-saragarhi-when-21-…/51919…

भारत की आजादी' के आंदोलन में कितने मुसलमान "शहीद" हुऐ थे....??


भारत की आजादी' के आंदोलन में कितने मुसलमान "शहीद" हुऐ थे....??
मुसलमानों ने भारत की आजादी के लिये कौन कौन सी तथाकथित "कुरबानियां" दी आज जरा पता तो लगे..?
एक शहीद तो चलो अशफाकउल्ला खां साहब हुऐ पर आजादी के आंदोलन और कौन मुसलमान शहीद हुऐ...??
कितने परमवीर चक्र मिले मुसलमानो को...? अब्दुल हमीद को मिला !!
मुसलमान बात करते हैं आजाद हिन्द फ़ौज में शामिल कुर्बानियो की ??
शाहनवाज खान- उर्फ, लेफ्टिनेण्ट जेनरल एस.एन. खान। कुछ याद आया?
आजाद हिन्द फौज के भूतपूर्व सैन्याधिकारी, जो शुरु में नेताजी के दाहिने हाथ थे, मगर इम्फाल-कोहिमा फ्रण्ट से उनके विश्वासघात की खबर आने के बाद नेताजी ने उन्हें रंगून मुख्यालय वापस बुलाकर उनका कोर्ट-मार्शल करने का आदेश दे दिया था। उनके बारे में यह भी बताया जाता है कि कि लाल-किले के कोर्ट-मार्शल में उन्होंने खुद यह स्वीकार किया था कि आई.एन.ए./आजाद हिन्द फौज में रहते हुए उन्होंने गुप्त रुप से ब्रिटिश सेना को मदद ही पहुँचाने का काम किया था। यह भी जानकारी मिलती है कि बँटवारे के बाद वे पाकिस्तान चले गये थे, मगर नेहरूजी उन्हें भारत वापस बुलाकर अपने मंत्रीमण्डल में उन्हें सचिव का पद देते हैं।
मुसलमान शहीदो में टीपू सुल्तान का नाम गिनवाते हैं ?? टीपू सुल्तान अपनी सल्तनत ईस्ट इंडिया कंपनी से बचाने को लड रहा था, भारत की आजादी में कोई योगदान नहीं उसका...
किसी ने कांग्रेस कार्यकाल की डॉ पी.ए.चौपडा की लिखी व छपी किताब हू इज हू ऑफ़ इंडियन मार्टिर ( WHO IS WHO OF INDIAN MARTYRS ) पढी है...??
जिसके अनुसार दस्तावेजी व आधिकारिक रूप से भारत की आजादी के मुस्लिम स्वतंत्रता सेनानियों की कुल संख्या सिर्फ चौदह (14 ) ही होती है ,जिनमे से केवल चार (4 ) लोगों ने अपनी जानें कुर्बान की हैं याद रखिये कि यह किताब सुपर सेक्यूलर कांग्रेस सरकार ने प्रकाशित की है जो गलत नहीं हो सकती फिर मुसलमान किस आधार पर खुद को देशभक्त साबित करके अपने लिए अलग व विशेष अधिकारों की मांग करते रहते हैं और भारत की आजादी में अपना योगदान व शहादतें गिनवाते हैं...??
देश की दूसरी बडी आबादी पर बस एक शहीद और एक परमवीर जबकि 1965 -71 से पहले पूरी मुसलमान रेजीमेंट होती थीे और कायमखानी मुसलमान भारतीय सेना की आज भी विशेष पसंद हैं...?
बहुत सुन लिया कि इस भारत देश की आजादी में हम मुसलमानो का भी योगदान है,,, ये है वो है ...आदि इत्यादि आज बताओ कि कितने मुसलमान शहीद.हुऐ और क्या कुरबानियां दी मुसलमानो ने जिन्हे "भारत देश की आजादी में योगदान" कहा ही जाये? आज के ये भारत में पडे जकातिये मुसलमान किस आधार पर खुद को देशभक्त साबित करके अपने लिए अलग व विशेष अधिकारों की मांग करते रहते हैं और भारत की आजादी में अपना योगदान(?) व शहादतें (?) गिनवाते हैं...??
भारत की आजादी में कैसा योगदान कौन कौन सी कुरबानियां, कौन कौन शहीद जरा बतायें आज के मुसलमान?......अशफाक उल्ला खां के अलावा 2-3 शहीद मुसलमान बता दो हजारों की बातें करते हो 2-3 नाम बता दो...??
हां हजार नाम हिंदुओं के मैं बता सकती हूँ ..परमवीर चक्र के शहीदों विजेताओं में अब्दुल हमीद के अलावा ही एक नाम बता दे..?? महावीर चक्र में बता दो...??
"भारत की आजादी" में मुसलमानो का योगदान व कुरबानियां बता दो,, दो चार बता दो ज्यादा नही...

रोज 8-10 मुस्लमान उस लड़की का बलात्कार करते रहे




सबूत लिंक में

हिन्दुओ शेयर जरूर करना,इसे इस सोये हुए देश को दिखाना है अन्यथा देर हो जायेगी शेयर जरूर करना
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सबरुद्दीन खान नाम का ट्रक ड्राईवर 16 साल की हिन्दू लड़की का रास्ते से
अपहरण करके उसे राजकोट से जोधपुर ले गया
और दरगाह के पास एक मकान में कैद कर दिया
रोज 8-10 मुस्लमान उस लड़की का बलात्कार करते रहे,सामूहिक बलात्कार रोज करते रहे
किसी दिन लड़की ने अपने घरवालो को चुपके से फ़ोन पे आपबीती सुनाई
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उसके माँ बाप का बुरा हाल हो गया ये तस्वीर उस लड़की के माँ बाप की है
उसका बिचारा बाप हाथ जोड़े खड़ा है
हिन्दुओ तुम्हारे देश में अब मुस्लमान तुम्हारी बहन बेटियो के साथ ऐसा ही करेंगे
उनका अपहरण करके उनका सामूहिक बलात्कार करेंगे
अगला निशाना तुम्हारी माँ बहन बेटी हो सकती है
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और मुसलमानो को इंसान समझो उनको काम दो रोजगार दो
शेयर कर
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http://m.bhaskar.com/…/GUJ-RAJ-minor-girl-kidnapped-by-truc…
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‪#‎jodhpur‬ ‪#‎rajasthan‬ ‪#‎gujrat‬ ‪#‎rajkot‬ ‪#‎hindu‬ ‪#‎jihad‬ ‪#‎modi‬ ‪#‎bjp‬ ‪#‎modisarkar‬‪#‎rss‬ Rajnath Singh BJP Delhi State Narendra Modi BJP Delhi Pradesh Office